Mines and Geology Department of Madhya Pradesh

खान एवं भूविज्ञान विभाग,मध्य प्रदेश सरकार

खान एवं भूविज्ञान विभाग,मध्य प्रदेश सरकार का परिचय

(Introduction of Mines and Geology Department)

Mines & Geology Department is a full fledged organization established in the year 1964 for proper management, development and administration of mineral resources in Madhya Pradesh which in turn warranted extensive and intensive geological exploration in the State. In Short span of its existence, this department diverted all its energy and resources in the mineral exploration and exploitation in order to improve the economy of the State as well as the national and thus contributing in the National Economy.

पूर्र्ववत्तीमध्य प्रदेश खनिज बाहुल्यता के दृष्टिकोण से भारत का एक समृद्ध एवं उत्पादन में अग्रणी राज्य था। राज्य पुनर्गठन के पश्चात् उत्तर्रवत्तीमध्य प्रदेश में कुल ज्ञात खनिज सम्पदा का अंशमात्र ही विद्यमान रह गया है और इस राज्य में खनिजों से प्राप्त राजस्व का प्रमुख स्रोत लघु खनिज यथा बालू, पत्थर एवं मिट्टी है और इनमें से एक या अधिक लघु खनिज राज्य के करीब सभी जिलों में फैले हुये हैं । वृहद् खनिज में पायराईट, जिसका उपयोग अम्ल, उर्वरक एवं रसायन के निर्माण में किया जाता है, की उपलब्धता साथ-साथ चूनापत्थर एवं अभ्रख भी प्रर्याप्त (Sufficient)  मात्रा में उपलब्ध् है । परन्तु इन खनिजों के भंडार का अधिकांश क्षेत्रो वन भूमि अथवा वन्य प्राणी आश्रयणी में रहने के कारण खनन पट्टा (Mining lease) स्वीकृत करना एवं खनन कार्य किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।

लौह अयस्क, मैग्नेटाईट तथा शीशा धातु का अयस्क गैलेना का सीमित भण्डार प्रमाणित है परन्तु इसकी कोटि निम्न है । सजावटी पत्थर ग्रेनाईट भी प्रर्याप्त मात्रा में उपलब्ध् है ।  

1-  वर्तमान मेंमध्य प्रदेश राज्य में उपलब्ध् खनिजों तथा उत्खनित करने योग्य प्रमुख खनिज के भंडार की स्थिति निम्नवत् हैं:-

                                         (आंकड़ा मी. टन में)

                   क्रमांक

खनिजों का नाम

 

भारत में भंडार

 

उत्तर प्रदेश राज्य में भंडार

 

1

 

2

 

3

 

4

 

1

 

चूनापत्थर

 

75678.89

 

210.85

 

2

 

पायराईट

 

98.79

 

53.41

 

3

 

क्वार्टज

 

2402.18

 

10.83

 

4

 

सिलिका सैंड

 

-

 

5.25

 

5

 

फेल्सपार

 

31.28

 

4.84

 

6

 

क्वार्टजाईट

 

305.07

 

3.02

 

7

 

बाक्साईट

 

2462.43

 

1.5

 

8

 

चीनी मिट्टी

 

1042.46

 

1.2

 

9

 

मैग्नेटाईट पत्थर

 

3407.82

 

0.59

 

10

 

सजावटी पत्थर

 

1047.42

 

67.91 मि00मी0

11

 

स्लेट  पिफलाईट

 

-

 

4.07 मि00मी0

12

 

सोना अयस्क

 

1778.79

 

128.88 (सोना धातु 0.1 से 0.6 ग्राम प्रतिटन अयस्क में)

स्रोत: भारतीय खान ब्यूरो एवं आंकड़ा बैंक, खान एवं भूतत्व विभाग  

2-   राज्य विभाजन के पश्चात् भारत के तेल एवं प्राकृतिक गैस मानचित्र परमध्य प्रदेश ने भी अपना स्थान बनाया है, जिसके फलस्वरूप राज्य के विभिन्न जिलों में दो पेट्रोलियम अन्वेषण अनुज्ञप्ति निर्गत किये गये हैं।

3-   उत्तर प्रदेश राज्य के विभिन्न जिलों में पाये जाने वाले वृहद् खनिजों यथा चूनापत्थर, अभ्रख, क्वाटर्ज, फेल्सपार, सोपस्टोन, सिलिका सैंड, स्लेट तथा लघु खनिज बालू, ईंट, पत्थर आदि से खनन राजस्व के रूप में वित्तीय वर्ष 2010-11 में कुल निर्धारित लक्ष्य 294.00 करोड़ रूपये के विरूद्ध 314.13 करोड़ रूपये की वसुली हुई है।

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